| Issue - 2024 | Page No -125 |
| आर्ष महाकाव्यद्वय में पर्यावरण संचेतना | |
| डॉ. अमित सिंह* | |
| साराांश: | |
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पर्यावरण के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा करते समय, यह स्पष्ट होता है कि वैश्विक और लौकिक साहित्य में पर्यावरण संरक्षण एक महत्वपूर्ण विषय रहा है। वेदों से लेकर रामायण और महाभारत जैसे प्राचीन ग्रंथों में पर्यावरण का वर्णन अत्यंत समृद्ध है, जो मानव जीवन और प्रकृति के संबंध को प्राकृतिक रूप से प्रतिबिंबित करता है। इन काव्य ग्रंथों में प्रकृति के तत्वों के साथ-साथ मानव-पर्यावरण संबंधों को उजागर करते हुए, पर्यावरणीय जीवन एवं प्रकृति संरक्षण की चर्चा की गई है। इस प्रकार, प्राचीन साहित्य ने पर्यावरण संरक्षण को स्वीकार करने में एक महत्वपूर्ण योगदान दिया है और मानव-पर्यावरण संबंधों के महत्व को सामाजिक और सांस्कृतिक उत्थान में बढ़ावा दिया है।
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